ऋषिकेश,12 जुलाई।टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने अपना 37 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया, इस दौरान विभिन्न प्रांतो से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नृत्य की प्रस्तुति भी दी, वही मेधावी छात्र छात्राओं के अतिरिक्त संस्थान के विकास में भागीदारी करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।
शुक्रवार को ऋषिकेश के मुख्यालय में आयोजित टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के 37 वां स्थापना दिवस पर संस्थान के महाप्रबंधक राजीव विश्नोई ने संस्थान की उपलब्धियों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान इस वर्ष देश के सबसे बड़े 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट टिहरी पीएसपी को कमीशन करने जा रही है। जो कि
कमिशनिंग के उपरांत टीएचडीसीआईएल का पूरा टिहरी कॉम्प्लेक्स 2400 मेगावाट क्षमता के साथ ऑपरेशनल हो जाएगा, जो कि देश का सबसे बड़ा जल विद्युत कॉम्प्लेक्स होगा। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपनी पहली थर्मल परियोजना 1320 मेगावाट खुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना को भी कमीशन करने वाली है। इस परियोजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे रेलवे साइडिंग कार्य, बॉयलर लाइट अप, वैगन टिपलर आदि और अन्य परिधीय गतिविधियां पूरी हो चुकी है। इस परियोजना की गणना देश की सबसे जल्द बनने वाली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना में की जाएगी। इसी के साथ भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को अरुणाचल प्रदेश के लोहित घाटी में दो जलविद्युत परियोजनाओं, डेमवे लोअर-1750 मेगावाट और कलाई-ii 1200 मेगावाट को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई थी जिसका कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने कोटेश्वर में हाई परफॉरमेंस कयाकिंग एवं कैनोइंग एकडेमी की स्थापना की है। विश्नोई ने कहा कि मध्य प्रदेश के अमेलिया में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की कोयला खदानों में निर्धारित समय से छह महीने पहले ही वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो चुका है और अब तक एनटीपीसी लिमिटेड के विभिन्न विद्युत संयंत्रों को 500 रेक कोयला सफलतापूर्वक भेजा जा चुका है।इसी वर्ष मानव संसाधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को प्रतिष्ठित स्कोप पुरस्कार से भी नवाजा गया। साथ ही इसी वर्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को छठे इलेट्स नेशनल एनर्जी समिट में ‘एडवांसमेट इन ग्रीन मोबिलिटी’ के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है।इसी के साथ टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को गीफ ग्लोबल इनवायरमेंट अवार्ड 2024 में गोल्ड श्रेणी के साथ डिजिटल लीडरशिप और ट्रांसफॉर्मेशन श्रेणी में ‘पीएसयू लीडरशिप एंड एक्सेलेन्स अवॉर्ड 2024’ से सम्मानित किया गया,
निगम के सकारात्मक कार्य वातावरण को देखते हुए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इस वर्ष ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ का सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख उद्यम है। इसे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत जुलाई 1988 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था। टीएचडीसीआईएल को अक्टूबर 2009 में ‘मिनी रत्न-श्रेणी का दर्जा दिया गया था तथा जिसे भारत सरकार द्वारा जुलाई, 2010 में अनुसूची ‘ए’ पीएसयू में अपग्रेड किया गया था। किसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि
टीएचडीसीआईएल का प्रारंभिक अधिदेश 2400 मेगावाट के टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्पलेक्स (टिहरी एचपीपी-1000 मेगावाट, टिहरी पीएसपी-1000 मेगावाट और कोटेश्वर एचईपी 400 मेगावाट) और अन्य जलविद्युत परियोनाओं का विकास, प्रचालन और अनुरक्षण करना था। तथापि, विद्युत क्षेत्र के व्यावसायिक माहौल में अवसरों और परिवर्तनों को देखते हुए, टीएचडीसीआईएल बहु- परियोजना संगठन के रूप में विकसित हुआ है, जिसकी परियोजनाएँ विभिन्न राज्यों के साथ- साथ पड़ोसी देश भूटान में भी विस्तारित हैं। इसने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और ताप विद्युत संयंत्रों से विद्युत उत्पादन में भी कदम रखा है।
वर्तमान में, टीएचडीसीआईएल के पास 09 परियोजनाओं (जल विद्युत, ताप, पवन और सौर) का पोर्टफोलियो है, जिनकी कुल क्षमता 4351 मेगावाट है। इसमें 1587 मेगावाट की प्रचालित परियोजनाएं (टिहरी एचपीपी-1000 मेगावाट, कोटेश्वर एचईपी 400 मेगावाट, ढुकवाँ एसएचपी 24 मेगावाट, पाटन पवन ऊर्जा फार्म-50 मेगावाट, देवभूमि द्वारका पवन ऊर्जा फार्म-63 मेगावाट और कसारगौड सौर ऊर्जा संयंत्र 50 मेगावाट) शामिल हैं और 2764 मेगावाट की परियोजनाएं (टिहरी पीएसपी- 1000 मेगावाट, वीपीएचईपी 444 मेगावाट और खुर्जा 1320 मेगावाट) निर्माणाधीन हैं इसी वर्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपनी पहली थर्मल परियोजना 1320 मेगावाट खुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना को कमीशन करने वाली है। इस परियोजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे रेलवे साइडिंग कार्य, बॉयलर लाइट अप, वैगन टिपलर आदि और अन्य परिधीय गतिविधियां पूरी हो चुकी है। इस परियोजना की गणना देश की सबसे जल्द बनने वाली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना में की जाएगी।
स्थापना दिवस पर विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक एवं नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
इस दौरान टीएचडीसी के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।