ऋषिकेश 27 अप्रैल। उत्तराखंड के विश्वविख्यात भगवान बद्री विशाल मंदिर के कपाट गुरुवार की सुबह सात बजकर 10 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण और सेना के बैंड की धुन के साथ हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं की मौजूदगी में जय बद्री विशाल के उद्घोष के साथ खोल दिये गए हैं।
भगवान बद्री विशाल के भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाने वाले कपाट की प्रक्रिया बुधवार से ही प्रारंभ हो गई थी, जिस की तैयारी को लेकर बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र ने समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देशित भी किया था कि भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े ।जिसके लिए स्वच्छता के साथ सुरक्षा का मुख्य रूप से ध्यान रखा जाए जिसके चलते आज सुबह सेना के बैंड की धुन पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान बद्री विशाल के कपाट हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा खोले गए।
जिसके बाद श्रद्धालुओं में भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने विष्णु सहस्रनाम का जप करते हुए भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए।
इस दौरान ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अतिरिक्त बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ,सीओ योगेंद्र सिंह ,धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ,आशुतोष डिमरी ,बृजेश सती, प्रकाश रावत के अतिरिक्त बीकेटीसी के कर्मचारियों ने भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने के लिए पहुंचे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया ।
इस दौरान ऋषिकेश से प्रतिवर्ष मंदिर को पुष्पों से सजाने वाले बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश बर्थवाल ने बताया कि उनकी समिति द्वारा पिछले कई वर्षों से मंदिर की साज-सज्जा को गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है। वही यात्रा प्रशासन भी यात्रा को लेकर काफी चौकन्ना नजर आ रहा है ,जिसके द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई है।