ऋषिकेश 07 दिसंबर ।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में दिल्ली से डॉक्टरेट ऑफ़ मेडिसिन (डी एम) की माथे पर तिलक लगाकर परीक्षा देने आई एक चिकित्सक ने परीक्षा के दौरान उनकी भावनाओं को आहत कर मनोबल तोड़ने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पोर्टल पर लिखित शिकायत कर जांच कर उनसे अभद्र व्यवहार करने वाले परीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पीड़ित चिकित्सक डॉक्टर शालिनी मिश्रा ने परीक्षक पर आरोप लगाते हुए कि उन्होंने एम्स ऋषिकेश के डीएम सत्र के लिए जनवरी 2021 में प्रवेश लिया था, वह पेन मेडिसिन में डीएम कर रही है, कोरोना के चलते यह सत्र अप्रैल माह से शुरू हुआ था। जिसके कारण 4 दिसंबर को सत्र की अंतिम परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसके तहत प्रयोगात्मक परीक्षा भी होनी थी, डॉक्टर शालिनी ने बताया की प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए दो परीक्षक बाहर के केंद्र से आए थे, बताया कि वह रोज तिलक लगाती हैं। इसी के चलते वह परीक्षा देने के दिन भी वह तिलक लगाकर आई थी, जिस पर प्रयोगात्मक परीक्षा लेने दिल्ली एम्स से आए परीक्षक डॉक्टर शिवलाल यादव नेउन पर टिप्पणी की और कहा कि क्या तुम तिलक लगाकर परीक्षा पास कर लोगी, यह तिलक तुम्हें फेल होने से नहीं बचा सकता। डॉक्टर शालिनी ने कहा की परीक्षा में परीक्षा शुरू होने से पहले ही मेरा मनोबल तोड़कर मेरी भावनाओं को आहत किया गया है, उनका कहना था कि परीक्षा होने से पहले परीक्षक को यह कैसे पता है कि वह फेल हो जाएंगी, इस प्रकार के व्यंग्य से वह मानसिक रूप से काफी आहत हुई है। जो की सनातन धर्म को भी अपमानित करने वाला है। वह ब्राह्मण होने के नाम से प्रतिदिन अपने आराध्य देव को तिलक करने के उपरांत स्वयं भी तिलक करती हैं। लेकिन इस प्रकार का व्यंग्य परीक्षक की मानसिकता को भी प्रदर्शित कर रहा है।
इस संबंध में एम्स प्रशासन की
डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि मामला प्रशासन के संज्ञान में आ गया है, उन्होंने कहा कि इस संबंध में एम्स प्रशासन को शिकायत मिली है। मामले की जांच की जा रही है ,नियमानुसार जो भी कार्रवाई उचित होगी वह की जाएगी।