ऋषिकेश,29सितम्. श्राद्ध पूर्णिमा के अवसर पर तीर्थनगरी के त्रिवेणी घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा अर्चना कर पितरों के लिए तर्पण किया। शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर विधि विधान से पितरों का स्मरण कर जलदान करते हुए तर्पण किया। तर्पण करके पितरों को भोग अर्पित करते हुए ब्राह्मणों को भोज कराया और उन्हें उपहार वितरित किए।
पितृपक्ष पूर्णिमा तिथि से शुरू हो गया। आज श्राद्ध का पहला दिन था। पण्डित चैतन्य शर्मा का कहना था, कि श्रद्धा पूर्वक पितरों के नाम किए गए तर्पण और अनुष्ठान उनकी आत्माओं को शांति देता है। परंपराओं के अनुसार दिवंगत पितरों की आत्मिक शांति और मोक्ष के लिए तर्पण और श्राद्घ किया जाता है। ज्यादातर लोग इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। गंगा स्नान कर तर्पण करने के लिए इन्हीं मान्यताओं के चलते हजारों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर पहुंचे और विधि विधान के साथ पितरों का तर्पण किया।घाट पर सूर्योदय के साथ ही तर्पण का कार्य शुरू हो गया था। हाथों में कुशा लेकर श्रद्धालुओं ने तर्पण किया। गंगा किनारे सुबह से ही लगातार लोग तर्पण करते नजर आए। इस दौरान गंगा तट पर पितरों के प्रति श्रद्धा का अनूठा नजारा बना हुआ था। लोगों ने पितरों की स्मृति में गरीबों, भिक्षुओं को दान दक्षिणा दी और भोजन कराया। ब्राह्मणों, आचार्यों से श्राद्घ पूजा के अनुष्ठान कराए और दान दक्षिणा दी।