ऋषिकेश,06 जुलाई ।उत्तराखंड क्रांति दल आगामी होने वाले वर्ष 2024 में पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा, जिसकी रणनीति गैर सैण में आयोजित उत्तराखंड क्रांति दल के प्रांतीय सम्मेलन मैं तय की जाएगी।
यह बात उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि गैर सैण में आयोजित 24- 25 जुलाई को दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के दौरान संगठन का नया गठन किया जा रहा है। जो कि पार्टी के संविधान के मुताबिक किया जाएगा। लेकिन दल के कुछ लोगो ने यह अधिवेशन मंसूरी में किए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन गैर सैण में दल के प्रतिनिधि अपना नेता का चुनाव करेंगे ।उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन एक जुट- एक मुठ के नारे के साथ किया जाएगा। जिसमें सभी को एक मंच पर लाने के कवायद चल रही है, उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में उत्तराखंड क्रांति दल बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के रूप में राजनीतिक रूप से विकल्प के रूप से सामने आएगा ।उन्होंने कहा कि हमने महसूस किया है कि राज्य बनने के बाद दल मे गुटबाजी के कारण संगठन को काफी नुकसान हुआ है। जिसका खामियाजा उत्तराखंड क्रांति दल के साथ राज्य की जनता को भी उठाना पड़ा है। उन्होंने माना कि जब उत्तराखंड राज्य बना था, उस समय दो राज्य और बने थे, परंतु परिसीमन के मामले में भी हमारे साथ नाइंसाफी हुई है, जिसके कारण उत्तराखंड में दो बार परिसीमन किया जा चुका है, और अब फिर परिसीमन किए जाने की बात कही जा रही है। जिससे उत्तराखंड के लोगों का राजनीतिक दृष्टि से नुकसान होगा। उन्होंने माना कि यह बात सही है कि अब फिर हमें जनता के बीच जाने के लिए जीरो से अपने संगठन का गठन करना होगा।उन्होंने कहा कि जिस कल्पना को लेकर हमने राज्य बनया था, वह साकार नहीं हुआ है। जब तक हम उसे साकार नहीं करते ,तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे ।
उन्होंने कहा कि 1997 में इस राज्य की जनसंख्या 70 लाख थी ,आज एक करोड़ से अधिक की हो गई है। जिससे लगता है कि यहा बड़े पैमाने पर घुसपैठ की गई है, जो कि राज्य के हित में नहीं है। जिसके कारण भूमियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जहां दिल्ली मुंबई व अन्य राज्यों से आकर भू माफिया सक्रिय हो गए हैं। यहां तक कि अब अपनी जमीनों को बचाने के लिए चौकीदार की तरह हमें जूझना पड़ रहा है ।परंतु यहां के जनप्रतिनिधि पूरी तरह मौन साधे हैं ।उनका आरोप है कि यहां के जनप्रतिनिधि सभी दिल्ली में बैठे नेताओं के बंधुआ मजदूर की तरह कार्य कर रहे हैं ।जिन्हें राज्य के हित से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2000 के बाद जो भी लोग उत्तराखंड में आए हैं, उनकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल अपनी मांगों को लेकर मजबूती के साथ लड़ेगा।
पत्रकार वार्ता में प्यार सिंह पोखरियाल, युद्धवीर सिंह चौहान ,वीरेंद्र नौटियाल, मोहन सिंह अस्वाल, केंद्र पाल तापमान, धारम वीर गोसाई, पुष्पा नेगी भी उपस्थित थे।