ऋषिकेश, 16 जून । जी-20 के दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आयोजित होने वाली गंगा आरती में विदेशी मेहमानों के स्वागत के चलते किए जा रहे ,सौंदर्य करण के विकास कार्यों को देखते हुए हिंदू देवी देवताओं गंगा जमुना सरस्वती के साथ सांईं के बाद गुरुवार की आधी रात को गणेश और शीतला माता की मुर्तियों को प्रशासन के पीले पंजे की भेंट चढा दिया गया है ।
जिसके बाद सनातन धर्मियों में प्रशासन के विरुद्ध रोष उत्पन्न हो गया है। जो कि मूर्तियां तोड़े जाने के विरोध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलेंगे। गुरुवार की आधी रात को त्रिवेणी घाट पर प्रशासन द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के दौरान भगवान गणेश और शीतला माता की मूर्तियों को भी छोड़ दिया गया है इससे पूर्व विगत शनिवार को साईं, के साथ गंगा जमुना सरस्वती की मूर्ति को प्रशासन ने पीले पंजे से हटा दिया था।
इतना ही नहीं जी-20 के दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आयोजित होने वाली विदेशी मेहमानों के स्वागत में विशेष आरती को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर सौंदर्य करण कार्य किए जा रहे हैं।
जबकि मंदिरों के संस्थापक महंत गोपाल गिरी का कहना है कि इन मूर्तियों के लिए उनके पास कोर्ट का आदेश भी है। मूर्ति हटाए जाने को लेकर संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिलेगा।
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह शीघ्र ही प्रशासन के विरुद्ध न्यायालय का दरवाजे पर भी न्याय दिलाने और मूर्तियों को पुनर्स्थापित किए जाने के लिए भी जाएंगे।
वहीं षड्दर्शन साधू समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा भूपेंद्र गिरी ने मूर्तियां तोड़े जाने की घोर निंदा करते हुए मूर्ति तोड़ने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है।
उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल, तहसीलदार ने बताया कि यह सभी निर्माण कार्य 1 सप्ताह के अंदर पूर्ण कर लिए जाएंगे, जिसके अंतर्गत सड़कों पर क्रॉस कर रही इलेक्ट्रिक तारों को हटा कर अंडर ग्राउंड किया जाएगा, नगर की विद्युत व्यवस्था को नियंत्रित किए जाने के लिए त्रिवेणी घाट ऑल रेलवे रोड पर विशाल ट्रांसफार्मर भी लगाये गये है।
उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों को त्रिवेणी घाट तक गौरादेवी चौक से पुराने रेलवे स्टेशन होते हुए त्रिवेणी घाट लाया जाएगा, जहां उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे जिसकी तैयारियां की जा रही है।