ऋषिकेश 23 अप्रैल। अपने आश्रम मठ मंदिर गुफाओं और कुटियाओं में भजन कीर्तन कर साधना करने वाले संतो ने नीलकंठ मार्ग पर स्थित गरुड़ चट्टी में खुले अंग्रेजी शराब ठेके के विरूद्ध ठेके के बाहर धरना देकर अपना विरोध प्रकट किया। साथ ही उन्होंने गरुड़ चट्टी नीलकंठ मार्ग पर चक्का जाम लगाकर मार्ग को बाधित कर दिया गया है।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंडलेश्वर स्वामी दया रामदास, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास के नेतृत्व में जनपद पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत नीलकंठ मार्ग पर गरुड़ चट्टी में खुले सरकारी शराब के ठेके के विरोध में संतो ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार रविवार को धरना दिया।
इस दौरान संतो ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक और भाजपा की सरकार अपने आपको राम भक्त कहलाने का दावा करती है, वहीं दूसरी और पूरे उत्तराखंड में जगह जगह शराब के ठेके खोलकर देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं को नशे में झोंकने का काम रही है। जिससे देव भूमि की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। जिसके विरोध में संत कई बार सरकार को ज्ञापनों के माध्यम से चेतावनी भी दे चुके हैं।
जिनके द्वारा दिए गए ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी ने गरुड़ चट्टी में खोले गए ठेके को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के निर्देश भी दिए थे ।उसके बावजूद भी इसी स्थान पर ठेके में खुलेआम शराब बेची जा रही है, जिसके कारण नीलकंठ महादेव पर जल चढ़ाने जाने वाले तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। इतना ही नहीं इस ठेके के गरुड़ चट्टी में खुलने के बाद राफ्टिंग करने वाले पर्यटक भी शराब पीकर गंगा में अश्लील हरकतें करते हुए गंगा जी में शोर मचा रहे हैं। जिससे गंगा किनारे आश्रमों कुटियाओं ,मठ मंदिरों में भजन कीर्तन और तप करने वाले संतो की साधना बाधित हो रही है। संतो ने चेतावनी दी कि जब तक गरुड़ चट्टी में खुला ठेका बंद नहीं होगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अगर इसके बावजूद भी सरकार नहीं चेती तो संत अन्न जल के साथ अपने प्राण भी त्याग देंगे।
धरना देने वाले संतों में स्वामी अखंडानंद ,महंत छोटन दास, स्वामी श्यामसुंदर दास, स्वामी प्रमोद दास, स्वामी महावीर दास , स्वामी शिव स्वरूप दास, स्वामी रामकृष्ण दास, स्वामी योगाचार्य ,स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी रामदास, स्वामी रघुनाथ दास, के अलावा कमल सिंह, सुरेंद्र नेगी, पुरुषोत्तम तिवारी, प्रधान नैन सिंह, प्रधान चंद्र, प्रधान आशीष थलवाल, विनोद भंडारी, स्वयंवर सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।