ऋषिकेश ,14 मई । ऋषिकेश के इतिहास में पहली बार किन्नर समाज की कुलदेवी बोचरा माई की शोभायात्रा देवी की पूजा अर्चना के उपरांत नगर में बैंड बाजों के साथ धूमधाम से निकाली गई, जिसका नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर जोर दार स्वागत किया । वहीं नगर के सभी मंदिरों में घंटीयां भी चढ़ाएं जाने के साथ नगर वासियों की सुख-समृद्धि की कामनाएं भी की।
मंगलवार को मानवेंद्र नगर स्थित किन्नर भवन में सुबह किन्नर समाज की कुलदेवी बोचरा माई (मुर्गे वाली) की पूजा अर्चना की गई। यह कार्यक्रम किन्नर समाज की ऋषिकेश गद्दी नशीन रजनी रावत की गुरु मांई रामप्यारी की याद में रजनी रावत के संचालन में विगत 9 मई से कुल देवी बोचरा माई की पूजा अर्चना की जा रही है।
इस दौरान विशाल भगवती जागरण का आयोजन भी किया गया था। जिसके समापन के उपरांत आज नगर में बैंड बाजों के साथ धूमधाम से मानवेंद्र नगर से त्रिवेणी घाट तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसका जगह-जगह नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि रजनी रावत
बागेश्वर, कोटद्वार, ऋषिकेश देहरादून के किन्नर समाज की गद्दी नशीन भी है, जिन्होंने बताया कि इस बीच किन्नर समाज का सामाजिक सरोकारों को लेकर सम्मेलन भी आयोजित किया गया था। जिसमें किन्नर समाज के पूरे देश से किन्नर समाज के लोग शामिल हो रहे हैं। इससे पूर्व भव्य जागरण का आयोजन भी किया गया।
इस दौरान रजनी रावत ने बताया कि जब भगवान राम चंद्र जी को चौदह वर्ष का वनवास हो गया था , उन्हें छोड़ने के लिए किन्नर समाज के लोग भी गए थे, जहां भगवान राम ने सभी लोगों को वापस लौट के लिए कहा था, परंतु किन्नर समाज के लोगों को कुछ नहीं कहा, जिसके बाद किन्नर समाज के लोग वहीं पर भगवान राम की प्रतीक्षा में खड़े रहे, और जब वह लौटे तो किन्नर समाज से पूछा कि वह क्यों नहीं गए , उन्होंने बताया कि आपने सभी लोगों के लिए आदेश किया था, परन्तु उन्होंने किन्नर समाज को नहीं कहा था, जिसके बाद किन्नर समाज को भगवान राम ने आशीर्वाद दिया कि वह सुख शांति और दुआओं की प्रार्थना करते हुए मंगल गीत गाएंगे। किन्नर समाज सभी की सुख शांति की कामना कर रहा है। और यह कार्यक्रम भी इसी नीमित यहां आयोजित किया गया है।
इस दौरान त्रिवेणी घाट पर स्थित गौरीशंकर मंदिर में मंहत गोपाल गिरी के निर्देशन मे घंटा भी चढ़ाया गया। इस अवसर पर श्री श्री 1008 सोनिया नंद गिरी महाराज, रमानायक, सहित काफी संख्या में किन्नर समाज के लोग उपस्थित थे।