ऋषिकेश ,03 मई (विक्रम सिंह)।अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि जहां मनुष्य के जीवन में अभिमान आ जायेगा वहां अहंकार आ जायेगा, हमें देने की आदत होनी चाहिए न की लेने की देव भूमि का मतलब देवों द्वारा दिए गए संस्कार भी होने चाहिए,
यह विचार शुक्रवार की सुबह ब्रह्मकुमारी सेवा केंद्र गीता नगर ऋषिकेश द्वारा हरिद्वार मार्ग पर आर्शीवाद वाटिका में आयोजित आध्यात्मिक सत्संग के दौरान अच्छी सोच बेहतर जिंदगी को लेकर प्रवचन के दौरान ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी ने व्यक्त करते हुए कहा कि जहां मनुष्य के जीवन में अभिमान आ जायेगा वहां अहंकार आ जायेगा, हमें देने की आदत होनी चाहिए न की लेने की देव भूमि का मतलब देवों द्वारा दिए गए संस्कार भी होने चाहिए, कलयुग में इच्छा खत्म नहीं होती, परंतु हमें अपने जीवन में संयम लाना चाहिए, क्योंकि हमारी इच्छा कभी खत्म नहीं होती, हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनी सोच को बदलना होगा,किसी का मन जीतने के लिए अपनी सोच ही बदलनी होगी और वह तभी बदलेगी जब हम अपने जीवन में परिवर्तन करेंगे। उन्होंने कहा कि संकल्प से जीवन बदलता है, जीवन से संकल्प नहीं बदलता हमें अपने जीवन में बदलाव लाना होगा तभी हम महसूस करेंगे,सारा समाज ही बदल गया है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर भी कुछ हो रहा है उसके लिए मनुष्य स्वयं जिम्मेदार होते हैं। हमें अपने अंदर अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ना है किसी के प्रति गलत नहीं सोचें।अगर गलत विचार रखेंगे तो आपके साथ भी गलत ही होगा। हमें अपने जीवन में अच्छे संस्कार लाने हैं क्योंकि संस्कार से संसार बनता है संसार से संस्कार नहीं,अगर हमअपने संस्कारों को भूल जाएंगे तो एक दिन हम ही समाप्त हो जायेंगे।
इसीप्रकार हमें अपनेजीवन में अच्छेविचार लाने होंगे , और गलत विचारों को निकालना होगा। तभी आपका जीवन सफल होगा। उन्होंने कहा कि आत्मा अजर अमर है , जिसके साथ अच्छे विचारों को ले जाना है। मनुष्य खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है लेकिन संसार में उसके विचार अजर और अमर होते हैं। जिन्हें हमेशा याद रखा जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करने चाहिए
इस अवसर पर स्वामी दयाराम दास, ईश्वर दास,महंतरवि शास्त्री, सहित हरिद्वार ,देहरादून रुड़की सहित गढ़वाल के तमाम शहरों में संचालित होने वाले केंद्र की संचालिकाएं व उनके बड़ी संख्या अनुयायियों ने प्रतिभाग किया।