ऋषिकेश,0 2 मई। पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बदलते भारत के प्रवेश में भारत सरकार द्वारा लागू की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत त्रिभाषा को प्रभावी बनाया जाएगा।
यह बात रमेश पोखरियाल निशंक ने यहां परमार्थ निकेतन में आयोजित दो दिवसीय निशंक रचना संसार गोष्ठी के समापन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है कि युवाओं को साहित्य से जोड़ा जाए जिसके लिए व्यापक स्तर पर प्रभावी बनाया जा रहा है , नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा निधि को लागू किए जाने के अंतर्गत कार्य किया गया है। जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्य गोष्ठी का आयोजन भी किये जाने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जो उनके द्वारा पूरे शिक्षा मंत्रालय में हिंदी भाषा में कार्य को प्राथमिकता दी गई है। जिसका प्रभाव संपूर्ण भारत में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारतीय संस्कृति के अनुरूप पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन किया गया है। जिसे सभी विद्यालयों में लागू किए जाने के बाद काफी सराहना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी हिंदी भाषा को लागू किए जाने से पहले सभी प्रांतों से विचार-विमर्श किया गया था । जिसके बाद ही नई शिक्षा नीति में उस प्रांत की भाषा के अनुरूप पाठ्यक्रम बनाया गया है, उनका मानना था कि पहले अपने घर से भाषा को लागू किए जाने के लिए हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन में आयोजित रचना संसार गोष्टी पूरी तरह से सफल रही है जिसमें 500 से अधिक देश वदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर इस गोष्ठी को सफल बनाया है।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि अगले वर्ष परमार्थ निकेतन में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य गोष्ठी आयोजित की जाएगी, और यह गोष्ठी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तरह प्रति वर्ष होगी।