ऋषिकेश , 26 जुलाई । श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान के भंडार के साथ मनुष्य के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करती है, जिस का महत्व लोक हित के लिए है।
यह बात श्री जयराम आश्रम में आयोजित 1 अगस्त तक चलने वाली श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ से विख्यात श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर जी ने अपने मुखारविंद से उपस्थिति को संबोधित करते हुए कथा का शुभारंभ करते हुए कही उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा लोक कल्याण और मनुष्य के मुक्ति का साधन भी है, जिस का महत्व उस समय और बढ़ जाता है। जब श्रावण मास में इस प्रकार की कथा का श्रवण किया जाए।, कथा का शुभारंभ बुधवार को कथा के आयोजक जयपुर के राधेश्याम शर्मा एवं समस्त पासोरिया परिवार के साथ राम पथ श्याम नगर सोडाला जयपुर परिवार द्वारा निकाली गई ,त्रिवेणी घाट स्थित गंगा जी से श्री जयराम आश्रम तक कलश यात्रा के उपरांत जूना पीठाधीश्वर आचार्य अवधेशानंद, स्वामी हरि चेतनानंद और श्री जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की उपस्थिति में किया गया।
इस दौरान श्री जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि श्रीमद्भागवत पीठाधीश्वर कृष्ण कृष्ण शास्त्री ने जो भारतीय संस्कृति को बढाए जाने के लिए कार्य किया है, वह काफी सराहनीय है, इस आश्रम के पूर्व सात संचालकों ने जो तपस्या कर देश विदेश में भारतीय संस्कृति की धर्म ध्वजा को फैलाया है, वह आज भी निरंतर फैल रही है। जिसके कारण पूरे देश में जयराम आश्रम द्वारा क्षेत्रों में समाज सेवा के उत्थान के लिए कार्य किया जा रहा है।
जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि व्यासपीठाधीशवर कृष्ण शास्त्री के पास जो ज्ञान का अपार भंडार है, उसका जितना भी श्रवण किया जाए वह कम है। इसका उस समय और भी महत्व बढ़ जाता है जब श्रावण पुरुषोत्तम मास में जो कथा हो रही है उसका अलग प्रभाव है ,इस दौरान श्रीमद् भागवत कथा सुनने का अलग प्रभाव के साथ फल भी प्राप्त होता है। इस कथा का फल स्वयं परमात्मा से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में पहला श्रवण है। जिसको सुनने के बाद सभी उसके द्वारा दिए गए संकल्प पूरे हो जाते हैं, उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में इस प्रकार का आनंद प्राप्त नहीं होता जिस प्रकार का आनंद भारत में होने वाली कथाओं में प्राप्त होता है । उनका कहना था कि आज जिस स्थान पर इस कथा का श्रवण किया जा रहा है, वह 125 वर्ष पुरानी संस्था है, जिसे अन्न क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।
इस अवसर पर प्रदीप शर्मा ,दीप शर्मा ,अशोक रस्तोगी, मनमोहन शर्मा ,राजेंद्र सेठी ,नागेंद्र मिश्रा, मुकुल शर्मा, मदन मोहन शर्मा, संजय शास्त्री सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।