ऋषिकेश ,19 जुलाई । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आगामी 25 जुलाई को देशभर में मणिपुर में हो रही, निर्मम हत्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी के विरोध में प्रदर्शन करेगी।
यह जानकारी कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व राज्यसभा सांसद अजीत पाशा ने ऋषिकेश में आयोजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तराखंड राज्य की दो दिवसीय बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में मणिपुर में लोगों की कि जा रही निर्मम हत्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह चुप्पी साध ली है, कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि इस मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर तत्काल वहां के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह को बर्खास्त किया जाए, जिसे हटाए जाने के लिए जब कम्युनिस्ट पार्टी की महिला नेताओं ने डी राजा के नेतृत्व में क्षेत्र का भ्रमण किया तो उनके विरूद्ध झूठे मुकदमे दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है ।जिसके कारण मणिपुर में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है, देश की जनता मणिपुर में शांति का माहौल बनाने के लिए सड़क पर उतर रही है। परंतु सरकार पूरी तरह गूंगी बहरी हो गई है। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा उनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह तय किया है कि 24- 25 अगस्त को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी देशभर में चंद्रयान की सफलता को लेकर वैज्ञानिकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद को लेकर जश्न मनाएंगी। कम्युनिस्ट नेता अजीत पाशा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2026 में किए जा रहे, परिसीमन का भी कम्युनिस्ट पार्टी विरोध करती है। इसी के साथ उन्होंने वन विभाग के कानूनों में परिवर्तन किया जाना भी जनहित में गलत बताया है ।उनका कहना था कि सरकार इसमें परिवर्तन कर बड़े उद्योगपतियों और पूंजी पतियों को वनों को देने की रणनीति बना रही है। जिसका कम्युनिस्ट पार्टी विरोध करेगी बेंगलुरु बैठक सभी विपक्षी दलों के एकजुट होने के बाद बने इंडिया गठबंधन को उन्होंने भाजपा की सरकार को हटाने के लिए केंद्र सरकार के ताबूत मे कील ठोकने का कार्य करने वाला बताया , उन्होंने सरकार द्वारा लाए जाने वाले यूसीसी कानून को देश की जनता को बांटने वाला कानून बताते हुए कहा कि यह कानून केंद्र सरकार जल्दबाजी में लाकर वोटों की राजनीति करना चाहती है। जिसे लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों की राय लेनी चाहिए ,पासा का कहना था कि पिछले 9 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हमारे संवैधानिक संसदीय लोकतंत्र पर बड़े हमले कर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव, अनुसूचित जातियों एवं महिलाओं के अधिकारों पर अतिक्रमण और हमारे संविधान के साथ खुल्लम-खुल्ला विश्वासघात किया है। इसी के साथ मध्यम आय समूह पर पूरी तरह से हमला किया जाना बताया , उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी, मजदूर विरोधी कानून बनाकर भारत के किसानों और मजदूरों पर भारी बोझ डाल रही है, उनका कहना था कि सब्सिडी में कमी लगातार जारी कर का बोझ और न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिल पाने से किसानों द्वारा लगातार आत्महत्या की जा रही हैं ,लेकिन सरकार सत्ता के नशे में मदहोश हो रखी है। उत्तराखंड राज्य के राष्ट्रीय सदस्य समर भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से सांप्रदायिकता के आगोश में चला गया है, जिसका पूरा श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जाता है, जिन्होंने नागपुर के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए शांतिप्रिय उत्तराखंड राज्य में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर यहां का माहौल बिगाड़ने का कार्य किया है। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार इस समय पूरी तरह निरंकुश होकर अपनी कार्यप्रणाली को पहाड़ मैदान में बांट कर राज्य की जनता पर थोपकर जनता का उत्पीड़न कर रही है, जहां कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, और वह यहां की शांति व्यवस्था को कमजोर कर रही है, समर भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड में आगामी होने वाले 2026 में परिसीमन के दौरान राज्य की 9 पर्वतीय सीटें कम कर राज्य को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। जिसे कम्युनिस्ट पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी, उनका कहना था कि प्रदेश में सांप्रदायिकता के आधार पर किए जा रहे ध्रुवीकरण राज्य के हित में नहीं है। विकास के मामले में सीमांत क्षेत्रों की उपेक्षा कर जनता के हितों को दरकिनार किया जा रहा है, उन्होंने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी विपक्षी दलों से एक मंच पर आने का आह्वान किया है उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी की चुनाव को लेकर आगामी बैठक देहरादून में 4 अगस्त को आयोजित की जाएगी। जिसमें भारतीय जनता पार्टी को राज्य से उखाड़ फेंकने के लिए रणनीति भी बनाई जाएगी, ऋषिकेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य इकाई की 2 दिन तक चली बैठक में राज्य सचिव जगदीश कुडियाल, राज्य सह सचिव रविंद्र जग्गी, कमीशन सदस्य एमएस वर्मा, राज्य कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन गिरधर पंडित ,एनएस नेगी, विनोद ध्यानी, विक्रम सिंह पुंडीर ,विजय पाल सिंह, हरिनारायण, धर्मानंद लखेड़ा, विनोद सीमल्टी, महावीर भट्ट, मुनेश्वर यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।