
ऋषिकेश में जी-20 के हो रहे कार्यों की लेटलतीफी से जिलाधिकारी हुई नाराज
-समय कम काम ज्यादा, 24 घंटे कार्यों की प्रगति को दे अंजाम- सोनिका
-26 से 28 जून को होनी है जी-20 की बैठक
ऋषिकेश 15 जून । जी-20 की बैठक के काउंटडाउन को देखते हुए समय कम काम ज्यादा पर जिलाधिकारी ने गुरुवार की शाम को अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा, कि किसी भी तरह 24 घंटे काम कर दिए गए टारगेट को पूरा करें।(विक्रम सिंह)
उल्लेखनीय है, कि 26 जून से 28 जून तक ऋषिकेश में आयोजित जी-20 की बैठक के दौरान विदेशी मेहमानों को त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती महोत्सव में प्रतिभाग करना है, जिसे देखते हुए पूरे नगर को भव्यता दी जा रही है। इसी के चलते त्रिवेणी घाट पर भी अनेकों सौंदर्य करण के कार्य किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत त्रिवेणी घाट सहित नगर को लाइट की चकाचौंध में रखने के लिए 6:30 करोड रुपए की लागत से विद्युत के कार्यों के अतिरिक्त मेहमानों के त्रिवेणी घाट तक आने वाले मार्गो में पडने वाले स्थानीय नागरिकों की बहुमंजिला इमारतों के साथ सरकारी व गैर सरकारी दीवारों पर सुंदर तरीके से पेंटिंग और रंग रोगन किया जा रहा है ,तो वही दुकानों के बाहर लगे तमाम साइन बोर्डों को भगवे रंग से रंग कर अनेकता में एकता के साथ एकरूपता दी जा रही है।
इसी के साथ सड़कों के दोनों ओर की खुली नाली नालों को स्लैप डालकर ढका जा रहा है। इन सभी कार्यों को लगभग पिछले 15 दिनों से किया जा रहा है। परंतु अभी तक किए जा रहे कार्यों से जिलाधिकारी संतुष्ट नजर नहीं आ रही है, जबकि उन्हें 20 जून तक सभी कार्यों को किए जाने का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई भी कार्य पूरा नहीं किया गया है ।
जिसे लेकर जिलाधिकारी सोनिका ने गुरुवार की शाम को तमाम विभागों के अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि काम ज्यादा है समय कम है जिसे पूरा करने के लिए 24 घंटे मेन पावर लगाकर संपन्न कराया जाए, जिसके बाद तमाम विभागों के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। और कार्यस्थल पर काम की गति तेज हो गई है।
इससे पूर्व शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, नगर निगम की महापौर अनीता ममगांई भी तमाम अधिकारियों के साथ बातचीत कर चुकी है। परंतु अधिकारियों ने अपने कार्यों की प्रगति को कछुए की चाल से जारी रखा था। जिसके कारण कार्यो ने गती नहीं पकड़ी थी। कुल मिलाकर गुरुवार की शाम को जिलाधिकारी कार्यों से संतुष्ट नजर नहीं आई।
बैठक में मंसूरी ऋषिकेश देहरादून विकास प्राधिकरण के सचिव मोहन सिंह, विकास अधिकारी झरना कमठान, झरना कमठान, उप जिलाधिकारी सौरभ अश्वाल, विकास अधिकारी सुशील मोहन, सहित तमाम अधिकारी भी मौजूद थे।