ऋषिकेश ,04 जून।कबीर दास की जयंती के अवसर पर संतो ने कबीर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लक्ष्मण झूला मार्ग पर स्थित कबीर चौरा आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत प्रदीप दास के शिष्य महंत कपिल मुनि की अध्यक्षता में आयोजित कबीर साहिब के प्रकाश उत्सव के दौरान संतो ने कहा कि संत मिलन को जाइए तज माया अभिमान जो जो पग आगे धरे कोटि यज्ञ समान, का अनुपालन करते हुए कबीर दास द्वारा लिखे गए दोहों से सभी कबीर पंथियों को समाज के सभी वर्गों से मिलकर चलने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस दौरान गुजरात से पहुंचे स्वामी कमलेशानंद, महंत गोपाल गिरी,मंहत शुभम गिरी , राजेंद्र दास, मनोज, गुरु दयाल दास, ने कबीर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने सादा जीवन जीवन जी कर समाज कका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि कबीर वाणी भिजत बर्षा, बरसत कंबल यह है , उनकी प्रमुख वाणी रही है। जिनका अवतार एक गरीब जुलाहे के घर में हुआ था, और उन्होंने अपने गुरु के रूप में स्वामी रामानंद को चुना था। जिनके मार्गदर्शन में ही उन्होंने समाज को दिशा देने का कार्य किया। मीठी वाणी में ही सर्व समाज का कल्याण भी निहित है।
इस अवसर पर महंत शुभम गिरी हरिद्वार,महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी
कृष्ण कुंज के महंत गोपालाचार्य, स्वामीअखंडानंद, महंत बलवीर सिंह सहित अनेकों सब मौजूद थे।