जी-20 की बैठक में विश्व भर के प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संयुक्त कानून बनाकर कार्रवाई करने को कहा
भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति की वसूली के लिए भी सख्त कानू
ऋषिकेश 26 मई ।नरेंद्रनगर में आयोजित जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने विश्व भर में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दूसरे दिन भी एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक में भ्रष्टाचार से अर्जित की गई संपत्तियों की वसूली पर मजबूत कानून बनाए जाने पर जोर दिया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत के 50 देशों में आयोजित की जा रही लोकतंत्र की मजबूती के साथ आर्थिक स्थिति और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जी-20की बैठक में शामिल 20 देशों के प्रतिनिधि विभिन्न सत्रों में मंथन कर सख्त कानून बनाए जाने पर चर्चा कर रहे हैं, इसी के चलते शुक्रवार को भी नरेंद्र नगर में बैठक के दौरान भ्रष्टाचार पर हुए मंथन में गंभीरतापूर्वक विचार किया गया। जिसमें सभी की निकली राय में निकल कर आया कि विश्व भर के सरकारी तंत्र सहित निजी संस्थानों में किए जाने वाले भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान के अंतर्गत
भ्रष्टाचार से संबंधित अर्जित की गई ,संपत्ति की वसूली के लिए सख्त कानून बनाकर तंत्र को मजबूत किया जाए, बैठक में प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझा करने को भी सभी देश आपसी समन्वय स्थापित कर मजबूत करेगें, तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सभी देश इस में सफल होने के साथ अपने-अपने देशों में विकास के पहियों को तेजी से चला सकेंगे। जिससे जनता का विश्वास सरकारों के प्रति बढ़ेगा।
जी20 सम्मेलन में 19 देश ले रहे हैं भाग
जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
उत्तराखंड में होने वाली वर्किंग ग्रुप ऑन एंट्री करप्शन मीटिंग शेरपा ट्रैक के माध्यम से 13 कार्य समूह और 3 इनिशिएटिव के अन्तर्गत हो रही है। जी-20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।