ऋषिकेश ,25 मई। श्री मुनीश्वर वेदाङ्ग महाविद्यालय मायाकुंड ऋषिकेश के नवीन प्रवेशार्थी छात्रों का यज्ञोपवीत संस्कार विधि विधान से किया गया,।
गुरुवार को शुभ मुहूर्त गुरुपुष्य योग के शुभ अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक आचार्य जितेंद्र प्रसाद भट्ट ने सर्व प्रथम बटुक ब्रह्मचारीयों का त्रिवेणी घाट गंगा पर विधिविधान से दशविधि स्नान करवाया,उसके बाद गणेश आदि पंचांग पूजन करके यज्ञ में विशेष आहुतियों के साथ यज्ञोपवीत संस्कार करवाया।श्री जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम महाराज के शिष्य केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने छात्रों को यज्ञोपवीत और मंत्र देकर उनको दीक्षित किया,उन्होंने कहा कि बिना यज्ञोपवीत संस्कार के व्यक्ति किसी भी प्रकार के यज्ञ करने का अधिकारी नहीं होता,इसलिए वेदाध्ययन आदि कर्म करने से पूर्व यज्ञोपवीत संस्कार किया जाता है, साथ हि जब व्यक्ति यज्ञोपवीत से उपवीत हो जाता है तब उसके बल बुद्धि में निश्चित रूप से वृद्धि होती है,उन्होंने ये भी कहा कि सनातन धर्म में संस्कारों के आभाव से ही विकृति उत्पन्न हो रही हैं,अगर सनातन को अक्षुण रखना है तो हमे अपनी पुरानी संस्कृति संस्कारों से जुड़ना होगा,विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ जनार्दन प्रसाद कैरवान ने छात्रों को इस नये जीवन मे प्रवेश करने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज आपका द्वितीय जन्म हुआ है अब आप द्विजत्व को प्राप्त हो गये हो आपसे आशा करते हैं कि आप स्वयं संस्कार युक्त जीवन जीते हुए औरों को भी सनातन की शिक्षा से शिक्षित करोगे।
इस अवसर पर दंडी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ महाराज स्वामी अच्युतानंदन महाराज, आचार्य मुकुंद उपाध्याय, गंगाराम व्यास , सुरेश पन्त ,शंकरमणि भट्ट , पुनिराम शर्मा , गिरीश पन्त , सुरेन्द प्रसाद भट्ट , विशाल शर्मा सतीश कुमार अमन सेमवाल डॉ भानुप्रसाद उनियाल,डॉ ओमप्रकाश पूर्वाल, सुरेंद्र भट्ट सुभाष डोभाल आदि उपस्थित थे।