ऋषिकेश ,29 जुलाई। सावन मास के दूसरे सोमवार की सुबह से विश्वविख्यात नीलकंठ सहित तीर्थ नगरी ऋषिकेश के पौराणिक शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लंबी लंबी कतार में खड़े शिव भक्त जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। विल्व पत्र, कनेर के फूल, धतूरे शहद दुग्ध आदि से महादेव की पूजा अर्चना, व रुद्राभिषेक कर परिवार की खुशहाली की कामना की। वहीं पौराणिक नीलकंठ धाम में रविवार से ही भोले के भक्त उमड़ने शुरू हो गए थे। नीलकंठ मंदिर समिति के मुताबिक दोपहर तक लाखों श्रद्धालु पवित्र शिवलिंग पर जल अर्पण कर चुके थे।
चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश में स्थित पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर, बनखंडी महादेव मंदिर, चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, इंद्रेश्वर महादेव मंदिर, ओणेश्वर महादेव मंदिर आदि में सोमवार तड़के से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगनी शुरू हुई जो दोपहर बाद भी कम नहीं हुई। मंदिरों में हर हर महादेव… हर हर बम के उद्घोषों से गूंजाएमान रहे। सोमेश्वर महादेव मंदिर के महंत रामेश्वर गिरी ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। रुद्राभिषेक का खास महत्व है।
भगवा रंग में डूबा समूचा नीलकंठ क्षेत्र
सावन के दूसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश हरियाणा आदि राज्यों से यमकेश्वर विकासखंड में पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शनों के लिए कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ी। सोमवार को ट्रेनों रोडवेज बसों निजी वाहनों से कांवड़ियों ने ऋषिकेश का रुख किया। हरिद्वार बाईपास मार्ग, बैराज नीलकंठ मार्ग, हरिद्वार रोड में कांवडियों की खासी भीड़ नजर आई। ऋषिकेश में गंगा स्नान के बाद कांवड़िए नीलकंठ धाम का रुख करते नजर आए, जिससे समूचा नीलकंठ क्षेत्र भगवा रंग में डूब गया।