ऋषिकेश ,29 अप्रैल । ज्योति विशेष स्कूल में ऑटिज्म जागरूकता शिविर के दौरान मस्तिष्क में जन्मजात विकार या जेनेटिक विकार के कारण होने वाली एक मस्तिष्क विकासात्मक विकलांगता संबंध में जागरूक किया गया।
सोमवार को हरिद्वार रोड पर स्थित विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ऑटिजम या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) मस्तिष्क में जन्मजात विकार या जेनेटिक विकार के कारण होने वाली एक मस्तिष्क विकासात्मक विकलांगता के संबंध में बताया गया कि हमारे देश में ऑटिज्म 21 दिव्यांगताओं में से एक है और यह हर 68 बच्चों में से 1 में पायी जाती है ।
कार्यक्रम के दौरान अर्चना कुमारी असिस्टेंट डायरेक्टर , टीचर ट्रेनिंग सेल , तमन्ना स्कूल ऑफ़ होप , दिल्ली ने सभी अभिभावक और स्टाफ को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी । कार्यशाला का मुख्य विषय व्यावहारिक हस्तक्षेप बिहेव्यरल इंटरवेंशन था ।
ऑटिज्म के बच्चों के लिए एक बी सी ऑफ़ बिहेवियर , ग़ुस्सा आना , स्लीप डिसऑर्डर , इकोलालिया और स्ट्रैटेजीज पर अभिभावकों को जागरूक किया गया, अलग अलग थेरेपी जैसे एबीसी , ऑक्यूपेशनल थेरेपी , प्ले थेरेपी इत्यादि के बारे में जानकारी दी ।
इस कार्यक्रम में विशेष बच्चों के अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और ऑटिज्म के लक्षणों और उनके रोकथाम पर चर्चा भी की, , क्योंकि ऑटिज्म का कोई ऐसा परमानेंट इलाज नहीं है इसको केवल नियंत्रित किया जा सकता है। और नियंत्रण तभी किया जा सकता है जब इसकी पहचान सही प्रकार से हो सके।
कार्यक्रम में श्री भरत मंदिर स्कूल समिति के सचिव हर्षवर्धन शर्मा , ज्योति विशेष स्कूल की प्रधानाचार्या अंबिका धस्माना , शिक्षिका शशी राणा , विजयलक्ष्मी , दुर्गेश, उपदेश उपाध्याय, सोनिया , सावित्री क्षेत्री, सहित समस्त शिक्षक ,कर्मचारीगण और विशेष बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे ।