ऋषिकेश,19 नवम्बर ।विश्व की योग नगरी ऋषिकेश “द योगा इंस्टिट्यूट ऋषिकेश” का भव्य स्थापना समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रमों और योग क्रियाओं के साथ आयोजित किया गया।
“द योगा इंस्टिट्यूट ऋषिकेश” के संचालक मनीष उर्फ़ माधवमणि के संचालन में आयोजित समारोह की मुख्य अथिति के विश्व प्रख्यात आध्यात्मिक एवं योग गुरु
डॉ. हंसा योगेन्द्र (हंसा माँ) ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में योग ऐसी क्रिया है, जिसे नियमित रूप से किए जाने के बाद मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहने के साथ निरोगी तो होगा ही, साथ ही उसकी आयु भी बढ़ जाएगी। जिसके कारण मनुष्य स्वस्थ रहने के साथ अपने आप को चुस्त और दुरुस्त भी महसूस करता है। पातंजलि ने योग के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है, जिसका आज पूरे विश्व में प्रचार प्रसार होने के साथ लोगों ने उसे अपनी जीवन चर्या के साथ आत्सात भी किया है, और अपने आप को स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। योग गुरु हंसा माँ का कहना था, कि हम सभी को अपने अंदर एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए सकारात्मकता के साथ जीवन को आगे बढ़ना चाहिए।
समारोह में योगी कर्णपाल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए योग को सभी लोगों को उपचार के लिए जहां उपयोगी बताया वहीं उन्होंने योग को वर्तमान समय में एक रोजगार का साधन भी बताया ,उन्होंने कहा कि आज विश्व के अनेकों देशों के लोगों को योग ने अपनी और आकर्षित किया है। ऋषिकेश को ऋषि मुनियों की स्थली के रूप में पहचान दिलाने के बाद उनके द्वारा योग को आज घर-घर पहुंचाने में योगाचार्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसी के परिणाम स्वरूप ऋषिकेश को विश्व में आज योग की राजधानी के रूप में जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में बैठकर महर्षि महेश योगी, स्वामी राम, के साथ योग के विख्यात योगाचार्य स्वामी रामदेव जैसे योगाचार्यो ने योग को विशेषज्ञ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, समारोह में “द योगा इंस्टिट्यूट” के शिक्षकों ने सुंदर योग क्रियाओं को किए जाने के साथ योगिक नृत्य की प्रस्तुति भी दी।
इस दौरान समारोह में उद्योगपति जी॰ पी॰ शर्मा संन्यासी , राकेश वर्मा अध्यक्ष आईआईटीएफ सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।