ऋषिकेश ,24 अगस्त। वर्ष 2019 और 20 में ऋषिकेश एम्स में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में अनियमितता किए जाने के मामले में सीबीआई ने बिहार के पूर्व मंत्री के बेटे एम्स के एक प्रोफेसर सहित आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है।
इसके बाद एम्स मे हड़कंप मचा है, चिकित्सा उपकरण खरीदे जाने के कारण एम्स को लगभग 6 करोड रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
बताया जा रहा है, कि सीबीआई ने सोमवार को मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद बुधवार को दिन भर एम्स प्रोफेसर सहित कई लोगों के घर पर छापेमारी कर दस्तावेजों को खंगाला इस दौरान सीबीआई की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं। इसके अतिरिक्त टीम ने दो लोगों को गुप्त स्थान पर ले जाकर घंटो
तक पूछताछ भी की है, बताया जा रहा है कि एम्स ऋषिकेश में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में गंभीर अनियमिता के आरोपी की जांच के लिए 31 मार्च को सीबीआई और एसबी (एंटी करप्शन) की टीम एम्स पहुंची थी। आरोप था कि एम्स ऋषिकेश के अधिकारियों ने वर्ष 2019 और 20 के दौरान उन्नत वेसल सीलिंग उपकरण की अत्यधिक ऊंची कीमत पर खरीद की थी, जिसके कारण एम्स को भारी नुकसान और फर्म को लाभ हुआ था। बताया जा रहा है कि उक्त फर्म ने कभी भी बोली प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया था.
उपकरण के लिए एम्स ने 24 अगस्त 2018 को निविदा जारी की थी निविदा 12 अक्टूबर 2018 को खोली गई थी और निम्नलिखित तीन फर्मो को प्रशासनिक मूल्यांकन के दौरान योग्य पाया गया था, लेकिन बाद में उपकरण गैर अधिकृत फर्म से खरीदे गए जिसने बोली प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया और उपकरण जिस फर्म से खरीदे गए वह इसके लिए अधिकृत और डीलर भी नहीं थी, ना ही कभी उक्त फर्म ने किसी चिकित्सा संस्थान को ऐसी कोई आपूर्ति की थी। उक्त फर्म केवल दवाईयो की ही व्यापार करती थी, इस पूरी खरीदारी में एम्स को करीब 6 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था।
आरोप है कि उपकरण खरीद समिति के संयोजक डॉक्टर बलराम जी उमर ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर खरीद एजेंसी को लाभ पहुंचाया जिसमें एम्स ऋषिकेश को करीब 6.57 करोड़ की हानि हुई है। सीबीआई ने एम्स के प्रोफेसर समेत 7 नाम दर्ज और एक अज्ञात के खिलाफ 21 अगस्त को मुकदमा दर्ज करने के बाद बुधवार को डॉक्टर बलराम और ऋषिकेश में निखिल के आवास पर छापेमारी की, छापे की सूचना पर कई अधिकारी आरोपी छुप गए हैं।
एक आरोपी निखिल बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का बेटा भी बताया गया है ।निखिल के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में पहले भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सीबीआई की छापेमारी के बाद एम्स में हड़कंप मचा है इस घाल मेल में अन्य अधिकारियों की साठगांठ भी बताई जा रही है।