ऋषिकेश, 18 जुलाई । पहाड़ों में हो रही भारी वर्षा के कारण जहां श्रीनगर की झील में भारी जल भराव होने के कारण मंगलवार कि सुबह 3000 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने से ऋषिकेश में गंगा किनारे तटों पर रहने वाले लोगों को स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी है वही ऋषिकेश के तमाम गली मोहल्ले मैं रहने वाले लोगों के घरों में झमाझम बारिश के पानी से तालाब जैसी स्थितिया पैदा हो गई है जिससे लोगों के घरों का सामान भी खराब हो गया है। जो की कड़ी मेहनत कर सुबह से ही अपने घरों मे घुसे पानी को निकालने का प्रयास कर रहे हैं । पिछले दो दिन की उमस भरी गर्मी के बाद योग नगरी ऋषिकेश में आज एक बार फिर बादल जमकर बरसे।इससे लोगों को उमस से राहत मिली , परंतु सड़कों के जलमग्न होने के कारण समस्याएं भी खड़ी हो गई है
सुबह सवेरे से आसमान पर छाई घनघोर घटाओं के बाद तेज बारिश शुरु हो गई।सुबह साढ़े 4:00 से सात बजे से हो रही तेज बारिश ने शहर के कई क्षेत्र जलमग्न कर दिए है। इतना ही नहीं निचले इलाकों के रहने वाले लोगों के घरों तक में पानी भर गया। झमाझम बारिश होने के बाद शहर में सफाई व्यवस्था की कलई खुल गई है। शहर की सभी सड़कों पर जलजमाव हो गया है। कहीं पर भी पानी की निकासी का इंतजाम नहीं होने से इस तरह की समस्या उत्पन्न हो गई। शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले लोग बारिश से परेशान हो उठे। जगह-जगह जलजमाव हो गया है, जिससे आने-जाने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंगलवार की सुबह से हुई बारिश के कारण शहर के मुख्य मार्गों पर नालियों का पानी सड़कों पर आ गया और पूरा शहर जलमग्न हो गया।
क्या कहते हैं लोग
अद्वैतानंद मार्ग निवासी अतुल शर्मा ने बताया कि नगर निगम को सफाई की व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। नालों की सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं होने से जलजमाव की समस्या बनी रहती है। जिसके कारण नारकीय स्थिति हो गई है। उन्होंने बताया कि मुख्य मार्गो पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बिना बरसात के दिनों में ही यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भर जाने के कारण दुर्घटनाएं और ज्यादा होंगी।रेलवे रोड़ पर खोसला एजेंसी चलाने वाले मनीष खोसला का कहना है कि मानसून के बाद वैसे तो शहर की हर गली से लेकर बाजार तक जलमग्न होता रहा है। लेकिन शहर के कुछ प्रमुख जगहों पर बरसात में उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण स्थिति दयनीय हो रही है।
अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर से छोड़ा 3000 क्यूमेक्
पानी
वहीं राज्य आपातकाल परिचालन के लिए उप सचिव अखिलेश मिश्रा ने बताया कि वर्षा के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से श्रीनगर डैम से पानी छोड़ने के बाद सावधानी बरती जा रही है ,जिनका कहना था कि मैसेज जीवीके पावर श्रीनगर गढ़वाल के सीनियर मैनेजर शाहिद शेख ने बताया कि अलकनंदा नदी के अपस्ट्रीम में प्रातः 9:30 बजे लगभग 3000 क्यूमेक्स अतिरिक्त पानी श्रीनगर डैम पर पहुंचने की प्रबल संभावना है जिसे देखते हुए डिस्चार्ज श्रीनगर 22:00 से 9:30 किया गया है ,जो कि 10:30 बजे देवप्रयाग पहुंचने के बाद 12:30 बजे तक ऋषिकेश और दोपहर 1:00 बजे तक हरिद्वार पहुंचेगा। जिसे देखते हुए प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन उप जिलाधकारी सौरभ अस्वाल और तहसीलदार चमन सिंह मौके पर पहुंच गए हैं जिन्होंने नदी किनारे रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर चले जाने की चेतावनी दी है।