ऋषिकेश, 22 जून । ऋषिकेश में वैदिक ब्राह्मण महासभा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का करेगी विरोध ।
गुरुवार को मायाकुंड स्थित एक आश्रम में आयोजित संतो महंतों की बैठक के दौरान वैदिक ब्राह्मण महासभा पंजीकृत ऋषिकेश उत्तराखंड के अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली ने कहा कि आजकल भारत में शंकरा चार्यों की बाढ़ आ रखी है,हर तीसरा व्यक्ति अपने को शंकराचार्य बता रहा है, लोग भी उनके विषय में बिना जाने और समझे हुए अनुयाई बनते जा रहे हैं,जोकि सनातन धर्म के लिए श्रेयस्कर नहीं है। उन्होंने ज्योतिष पीठ पर तथाकथित विवादास्पद अविमुक्तेश्वरानंद के ऋषिकेश आगमन का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि अभिमुक्तेश्वरानंद स्वयंभू शंकराचार्य बने हैं,और न्यायालय में भी विवाद पहुंचा है और न्यायालय ने उनके शंकराचार्य पद पर रोक लगा रखी है, फिर भी वह पूरे देश में अपने को ज्योतिषपीठ का शंकराचार्य बता रहे हैं,सुनने में आया है, कि एक-दो दिन में वह ऋषिकेश किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं ।ऋषिकेश तपोभूमि ऋषियों की भूमि एवं सदसंतो का स्थान है। ऐसे में विवादित शंकराचार्य का ऋषिकेश में स्वागत होना गलत है। जब तक कि वह न्यायालय से निर्विवाद नहीं हो जाए तब तक उनको शंकराचार्य मानना न्याय हित में नहीं होगा,।
उन्होंने उन लोगों को भी चेताया कि जो केवल सनातन धर्म के भेष में बिना सोचे समझे लोगों को गुमराह कर रहे हैं,यह ठीक नहीं है और सनातन संस्कृति के साथ खिलवाड़ है,हम सभी वैदिक ब्राह्मण महासभा के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी ऐसे लोगों का ऋषिकेश के धार्मिक कार्यक्रमों में बहिष्कार करेंगे,जो फोटो खिंचवाने के लिए धर्म का सहारा लेते लेते हैं।
वैदिक ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता डॉक्टर जनार्दन कैरवान ने कहा कि बद्री केदार मंदिर समिति के सीओ ने अनजाने में जब इनको शंकराचार्य बनने की शुभकामनाएं दी थी, और उक्त विषय न्यायालय में गया तो उनके द्वारा भी न्यायालय में खेद भरा पत्र भेजा गया है।इससे स्पष्ट है कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर अभी कोई भी धर्म संघ या काशी विद्वत परिषद द्वारा किसी का अभिषेक नहीं हुआ है, उन्होंने यह भी कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद ने भी अपने जीवन काल में कई बार यह बयान देकर के बताया कि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं है और ना ही वह किसी को शंकराचार्य घोषित करते हैं। इससे स्पष्ट है कि अविमुक्तेश्वरानंद स्वघोषित शंकराचार्य बनकर घूम रहे हैं। भारत के अनेक संतों ने भी यही बात कही है, तो इसलिए ऐसे व्यक्ति का ऋषिकेश की पवित्र भूमि पर हम विरोध करते हैं। इस अवसर पर महासभा के महामंत्री महेश चमोली, कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल, गंगाराम व्यास, सौरव सेमवाल, अमित कोठारी, शिव स्वरूप नौटियाल, जितेंद्र भट्ट, जगमोहन मिश्रा, जगदीश जोशी आदि उपस्थित थे।